पृष्ठ ९ – ग़ज़लें

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जुर्म _ मोहब्बत
सजा _ क़यामत ।
मरो _इश्क में
मिलेगी जन्नत ।
झूठ है _दुनिया
सच है मोहब्बत ।
सितम _आपके
एजी _इनायत  ।
आपको पाना
आखिरी   चाहत ।
इश्क से _छोटी
सारी __दौलत    ।
फल है _उतना
जितनी मेहनत  ।
सिर्फ रत-जगे
कहाँ की राहत ?
नाज़-औ-नखरे
हुस्न की आदत  ।
वफायें निभाना
इश्क की फितरत ।
अन्तिम _इच्छा
तुम्हारी __चाहत  ।
—  सचिन  शाश्वत
(  मेरठ  उ प़  के निवासी उदीयमान कवि )