- पहला अंक — सहज कविता की आवश्यकता , अमिताभ ,दिविक,सुधेश,रणजीत की कविताएँ ।
- दूसरा अंक — कविता में सहजता , गोपाल गर्ग , सुरेन्द़ चतुर्वेदी की ग़ज़लें ।
- तीसरा अंक — सहज कविता और छन्द, चिदानन्द और दिविक के लेख ,राज कुमार सैनी , महेन्द़ भटनागर के गीत ।
- चौथा अंक —सहज कविता और लय, चिरंजीत , भावुक , समीप आदि की ग़ज़लें ।
- पाँचवां अंक — सहज कविता और भाषा , आदर्श मदान , देवेन्द़ शर्मा इन्द़ आदि की ग़ज़लें ,गीत आदि ।
- छठा अंक— सहज कविता और कला , गणेश दत्त सारस्वत , फूलचन्द मानव , कृष्ण बिहारी सहल आदि की रचनाएँ ।
- सातवाँ अंक— सहज कविता और ग़ज़ल , रिषभ देव शर्मा , पूर्णिमा पूनम ,राम स्नेही यायावर , रमानाथ त्रिपाठी आदि ।
- आठवाँ अंक — सहज कविता पर पुनर्विचार ,मधुर नज़्मी , डोमन साहू समीर , रामेश्वर खण्डेलवाल तरुण आदि ।
- नवाँ दसवाँ ( संयुक्तांक ) सहज कविता की समस्याएँ ,दया कृष्ण विजय , लाखन सिंह भदौरिया ,वेद प़काश वटुक आदि ।
- ग्यारहवाँ बारहवाँ ( संयुक्तांक ) सहज कविता और दोहा , रोहिताश्व अस्थाना ,श्रीरंजन सूरिदेव ,साधे श्याम शुक्ल आदि ।
आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब कि पाठकों की संख्या दिनी दिन कम होती जा रही आपका प्रयास सराहनीय है