सहज कविता नामक त्रैमासिक को शुरु करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि आधुनिक हिन्दी
कविता में जो कृत्रिमता उस के कथ्य अथवा विषयवस्तु में और उस की भाषा , शैली , उस के विम्ब , प्रतीक आदि में विगत अनेक वर्षों से दिखाई देती है , उस की ओर कवियों और
कविता प्रेमियों का ध्यान आकृष्ट किया जाए ।
एक अन्य कारण भी है । मैं ने सन १९९४ ई में सहज कविता नामक एक त्रैमासिक
पत्रिका का सम्पादन और प्रकाशन किया था ,, जो सन १९९६ ई के अन्त तक चलता
रहा । तब इस पत्रिका को अनेक कवियों , आलोचकों , साहित्यकारों का समर्थन ,
सहयोग और आशीर्वाद मिला था । उस के अंक अब तक मेरे पास सुरक्षित हैं , पर
वे अनेक पाठकों के लिए अब उपलब्ध नहीं हैं । उन्हें पाठकों को उपलब्ध कराने के
उद्देश्य से भी यह पत्रिका शुरु की गई है ।
इस की सफलता अथवा लोकप्रियता हिन्दी के प्रेमियों की विशाल संख्या पर निर्भर
है , जो भारत में और उस के बाहर भी अनेक देशों में फैले हुए हैं ।
— डा सुधेश
एक अावश्यक सूचना
भारतीय और विदेशों में बसे हिन्दी कवियों से निवेदन है कि वे अपनी मौलिक एवम्
अप़काशित रचनाएँ यूनीकोड में टंकित करके मेरे ईमेल पते पर भेजने की कृपा करें ।
ईमेल पता है drsudhesh@gmail.com
कविताओं के अतिरिक्त कविताकेन्द़ित ल़ेख , आलोचनाएँ एवम् साहित्यिक सूचनाएँ
भी भेज सकते हैं ।
साहित्य की अन्य विधाओं से सम्बन्धित सामग़ी का उपयोग मैं अपने ब्लाग साहित्यायन
अथवा चिन्तनपल में कर सकता हूँ । अत: कविता से इतर रचनाएँ भी भेज सकते हैं ।
अनूदित कविताओं के बारे में बाद में सोचा जाएगा ।
— सम्पादक