पृष्ठ ७ – गीत

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 गीत
     प्यार से प्यारे हो तुम….
     प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तू ही मेरी है सुबह तू ही मेरी शाम है ,
तू ही मेरा  है दिवस तू ही मेरा काम है ,
देखकर तुझको ही दिल होता है ये रोशन ,
    प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम नजर आते हो हमको चाँद तारों में ,
टिमटिमाकर क्या बताते हो  इशारों में |
तुम ही मेरी प्रीति हो तुम हो मेरा तन बदन ,
    प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हवा का हो वो झोंका जो जहाँ मदहोश कर दे ,
प्यार की खुशबू लुटाकर हर जवां में जोश भर दे |
तुम हो फूलों की हँसी तुम से महका है चमन ,
   प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हो सावन की घटा जिसपे है सबकी नजर ,
नाचता वन-वन मयूरा प्यार के ही गीत गा कर ,
तुम हो बारिश की फुहारें जो प्रफुल्लित कर दें मन ,
    प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम |
तुम हो खिलता एक कमल दरिया की गोद में ,
देखकर तुमको खुदा भी भर भर गया प़मोद में ,
तुम ही हो गुलशन हमारा और हर मौसम ,
    प्यार से प्यारे हो तुम ऐ सनम ऐ सनम ||
— राघवेन्द़ कुमार राघव 
ग़ाम बालामऊ , जनपद हरदोई ( उ प़)